हाल पूछा है तभी हाल पूछा है तभी
मुआफ़िक रबड़ के खिंच कर सुबह जो, शाम होती है मुआफ़िक रबड़ के खिंच कर सुबह जो, शाम होती है
कभी कठोर हो जाती है कभी कोमल होजाती है माँ सच मे ऐसी होती है कभी कठोर हो जाती है कभी कोमल होजाती है माँ सच मे ऐसी होती है
भगवान तो हर जगह है लेकिन अपने ही रूप में मां को भेजा है इसलिए तो कहा है मां का दर्जा औ भगवान तो हर जगह है लेकिन अपने ही रूप में मां को भेजा है इसलिए तो कहा है मां क...
वो एक नारी दुख भले हो मन में बहुत पर चेहरे पर कभी नहीं लाती है, काल्पनिक मुस्कान द वो एक नारी दुख भले हो मन में बहुत पर चेहरे पर कभी नहीं लाती है, काल्...
जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगें और पराये अपने लगने लगें तो, समझ लीजिए विनाश का स जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगें और पराये अपने लगने लगें तो, समझ लीजिए...